By DAYANAND MOHITE | published: दिसंबर 04, 2019 02:12 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : delhi
हजारों करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी की जांच करने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में डाक विभाग के दो अधिकारियों के विरुद्ध प्रति 20,000 रुपये भुगतान करने के एवज में घूस के रूप में 100 रुपये सुविधा शुल्क लेने के लिए मामला दर्ज किया है.
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह मामला डाक विभाग के दो अधिकारियों संतोष कुमार सरोज और सुरेश मिश्रा के खिलाफ दर्ज किया गया है. संतोष कुमार सुपरवाइजर और सुरेश मिश्रा पोस्टल असिस्टेंट के रूप में प्रतापगढ़ के कुंडा पोस्ट ऑफिस में तैनात है. पोस्ट ऑफिस में कमीशन एजेंट के रूप में काम करने वाली सुषमा सिंह के पति प्रभात कुमार सिंह की शिकायत पर दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया.
सीबीआई ने 30 नवंबर को आपराधिक साजिश और लोकसेवक द्वारा अनुचित भुगतान की मांग को लेकर मामला दर्ज किया था.सीबीआई को 28 नवंबर को किए अपनी शिकायत में, सिंह ने आरोप लगाया था कि वह और उनकी पत्नी 25 नवंबर को 99,400 रुपये, 26 नवंबर को 59,920, और 27 नवंबर को 60,000 रुपये जमा कराने गए थे.
सिंह ने कहा, "25 नवंबर और 26 नवंबर को मेरी पत्नी को 500 और 300 रुपये और जमा कराने को कहा गया. जब मैंने मिश्रा और सरोज से इसकी वजह जाननी चाही, तो उन्होंने कहा कि प्रत्येक 20,000 रुपये भुगतान करने के लिए सुविधा शुल्क के रूप में 100 रुपये लगेंगे."सिंह ने कहा, "हमें बताया कि अगर हम कमीशन एजेंट के रूप में काम करना चाहते हैं तो हमें पैसे का भुगतान करना पड़ेगा नहीं तो कमीशन एजेंट की नौकरी छोड़नी पड़ेगी."
सिंह ने कहा, "अगले दिन, मैं फिर अपनी पत्नी के साथ 60,000 रुपये जमा करवाने गए और हमें 300 रुपये अतिरिक्त देने को कहा गया. इस बार, मेरे बार-बार अनुरोध करने पर उन्होंने बिना सुविधा शुल्क लिए पैसा जमा कर लिए, लेकिन चेतावनी दी कि अगले बार से प्रति 20,000 रुपये भुगतान के लिए 100 रुपये देने होंगे या फिर भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा."
सिंह ने अपनी शिकायत में कहा, "मैं हर बार इन अधिकारियों को सुविधा शुल्क के रूप में 100 रुपये नहीं देना चाहता और इसलिए आपसे आग्रह है कि मेरी शिकायत स्वीकार करें."
सिंह की शिकायत के आधार पर, सीबीआई ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.मामले पर टिप्पणी करते हुए, एक सीबीआई अधिकारी ने दिल्ली में कहा कि कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है. हम सभी मामलों को गंभीरता से लेते हैं.
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