By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 29, 2019 12:50 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : bali
प्याज के दाम पर पूरे देश में सियासी जंग छिड़ी हुई है. केंद्र सरकार पहले से ही आर्थिक मोर्चे पर विपक्ष के निशाने पर है, ऐसे में प्याज के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बयान पर कांग्रेस और हमलावर हो गई है. राम विलास पासवान की ओर से प्याज के बढ़ रहे दामों को लेकर गिनाए गए कारणों को सूबे की सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है.
सरकार के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि जब-जब केंद्र के पास कोई पेचीदा विषय आया है, उसने इससे पल्ला झाड़कर राज्य सरकारों के सिर ही ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है. महेंद्र चौधरी ने कहा कि इससे पहले भी मूंग खरीद नहीं करने के मामले में राज्य सरकार पर तोहमत मढ़ने की कोशिश की गई, लेकिन मूंग की खरीद भी केंद्र की मंजूरी के बिना संभव नहीं थी. महेंद्र चौधरी ने कहा प्याज के बढ़ते दाम के मामले में भी केंद्र सरकार की ढिलाई ही जिम्मेदार है और इस मामले में केंद्र को सक्रियता से दखल देना चाहिए.
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज के बढ़ते दाम पर केंद्र सरकार का बचाव करते हुए एक बयान दिया था. दरअसल राम विलास पासवान से जब सवाल किया गया कि प्याज के दाम कब कम होंगे, इस पर पासवान ने कहा था कि ये हमारे हाथ में नहीं है. मंत्रालय के सचिव का कहना था कि 12 दिसंबर तक विदेश से प्याज का पहली खेप आ जाएगी. जानकारी देते हुए ये भी बताया गया कि पहली खेप के तौर पर 1500 मीट्रिक टन प्याज देश में आएगा. देश में हो रही प्याज की कमी को दूर करने के लिए विदेश से प्याज़ की चार खेप आएंगी. 6500 मीट्रिक टन प्याज़ मिस्र से आयात किया जा रहा है.
आपको ये भी बता दें कि राम विलास पासवान ने पीसी के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि 56000 मीट्रिक टन प्याज सरकार के स्टॉक में था, जिसमें से 50 फीसदी प्याज सड़ गया. प्याज़ के सड़ने के पीछे मंत्रालय का तर्क है कि राज्यों ने वक्त पर प्याज नहीं खरीदा, इसीलिए प्याज सड़ गया.
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