By DAYANAND MOHITE | published: अगस्त 26, 2019 12:47 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : राष्ट्रीय
INX मीडिया हेराफेरी केस में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर याचिका खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चिदंबरम को निचली अदालत में नियमित जमानत लगाने को कहा.कोर्ट ने कहा-याचिका अर्थहीन.सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी के बाद इस याचिका का कोई औचित्य नहीं बनता. उधर, चिदंबरम के वकील कपिल सिब्ब्ल ने उनकी ओर से पक्ष रखते हुए कहा, "जब मैं लगातार प्रयास कर रहा था सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए, तभी सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया."
इससे पहले, सीबीआई ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद याचिका अर्थहीन है. जस्टिस भानुमति ने भी कहा, "सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के एक फैसला के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद अग्रिम जमानत याचिका अर्थहीन हो जाती है.'
अब ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. कपिल सिब्बल लगातार बहस कर हैं कि सीबीआई ने हाईकोर्ट में एक नोट जमा किया जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने आदेश लिखा. मुझे उस नोट के बारे में कुछ नहीं बताया गया जबकि ये आपराधिक कानून के खिलाफ है.
कपिल सिब्बल का आरोप है कि ईडी ने जांच को कानूनी प्रकिया से नहीं किया, न तो केस डायरी बनाई और न ही किसी ऐसे दस्तावेज को साझा किया जो आरोपी को दिया जाना था.कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि ईडी ने जो हलफनामा फ़ाइल किया उसे पहले ही मीडिया में रिलीज कर दिया गया, ईडी के वकील से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया.
हालांकि, सुनवाई से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में में हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि जांच के लिए चिदंबरम को हिरासत में लेना जरूरी है. ईडी ने अपने हलफनामे में कहा कि चिदंबरम की संपत्ति ऑस्ट्रिया, अर्जेंटीना, फ्रांस, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, मलेशिया, मोनाको, ग्रीस, फिलीपींस, श्रीलंका, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका और स्पेन में है. INX मीडिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग हुई. जांच के लिए हिरासत में लेना जरूरी है.
इस घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियां सीबीआई के पास देश ही नहीं बल्कि विदेशो से भी आनी शुरू हो गई हैं. कस्टडी में लेते ही सीबीआई ने पांच देशों यूके, मॉरीशस, सिंगापुर, बरमूडा, स्विट्जरलैंड को LR यानी लैटर रोगेटरी भेजे थे ताकि इस पूरे स्कैम की मनी ट्रेल के बारे में पता लग सके. इनमें से कुछ देशों ने मनी ट्रेल की जानकारी भेजनी शुरू कर दी है. ये अहम जानकारियां भी आज सीबीआई कोर्ट में रख सकती है कि फॉरन इन्वेस्टमेंट के नाम पर 305 करोड़ रुपए की रकम को कार्ति चिदम्बरम ने किस किस देश में शेल्स कंपनियो में लगाया, साथ ही कार्ति चिदंबरम के पीएस की एक्सटर्नल डिस्क से मिले 4 इनवॉइस जिसमे पैसो की जानकारी है वो भी अहम है. 4 दिनों में पी चिदंबरम से सीबीआई ने काफी सवाल पूछे है लेकिन सीबीआई के ज्यादातर सवालो के चिदम्बरम ने जवाब नहीं दिए या सवालों को घुमाया.
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