By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 10, 2019 07:28 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : मुंबई
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने मना कर दिया है. रविवार शाम को बीजेपी की ओर से राज्यपाल कोश्यारी को सूचित किया गया कि वे अकेले सरकार बनाने में असमर्थ हैं. बीजेपी ने कहा कि उन्होंने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन अब सरकार बनाने में किन्हीं वजहों से वह साथ नहीं दे रही है, इसलिए उनके पास सरकार बनाने का बहुमत नहीं है. यह फैसला बीजेपी कोर कमेटी में लिया गया है.
कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई में बीजेपी कोर कमेटी की हुई बैठक में नई सरकार बनाने के गवर्नर के ऩ्योते पर बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा नहीं करने का फैसला लिया। राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने की तैयारी को लेकर राजभवन को सोमवार शाम तक जानकारी देने का वक्त दिया था। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाज़ा राज्यपाल ने सबसे पहले बीजेपी को न्योता भेजा था।
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल का समर्थन है. हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकडे से दूर है. मालूम हो कि शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह जोड़तोड़ की राजनीति करके सरकार नहीं बनाएंगे.
सूत्रों का कहना है कि अगर बीजेपी सरकार बनाने से मना करती है तो राज्यपाल नंबर दो पार्टी शिवसेना को यह मौका दे सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर शिवसेना क्या कदम उठाती है. शिवसेना के पास फिलहाल महज 56 विधायक और आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. हालांकि शिवसेना का विधानसभा में ये संख्याबल बहुमत से कोसो दूर है.
प्रदेश मे बीजेपी 105 और शिवसेना 56 एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकड़ा रखते हैं. हालांकि फिलहाल शिवसेना और बीजेपी के बीच टकराव की वजह दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं. एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकोँ की संख्या प्रदेश में सरकार नहीं बना सकते हैं.
अगर, एक दूसरी तस्वीर की संभावना पर राजनीति करवट लेती है तब ये तस्वीर बन सकती है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 56 और बाहर से कांग्रेस के 44 विधायकोँ के समर्थन के बल पर नई सरकार गठन का रास्ता बन सकता है. हालांकि अभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की इस फॉर्मूले पर मुहर लगने के बाद ही ऐसी तस्वीर बन सकती है.
हालांकि बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक अयोध्या विवाद के कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों मे पड़ी दरार कम हो सकती है और दोनों के दोबारा साथ आने की बीजेपी को उम्मीद है.
महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी द्वारा द्वारा बीजेपी को सरकार बन....
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