By DAYANAND MOHITE | published: अगस्त 30, 2019 10:32 AM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : मुंबई
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह कई बड़े नेता दल बदल रहे हैं, उसने विपक्ष के लिए परेशानी को बढ़ा दिया है. कभी शिवसेना में रहकर राजनीति में अपना दमखम दिखाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे एक बार फिर से कांग्रेस की परेशानियों को बढ़ा सकती है. शिवसेना छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए नारायण राणे ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस का दामन छोड़ अपनी एक नई पार्टी बनाई. ताजा जानकारी के मुताबिक, एक सितम्बर को वह बीजेपी में अपनी पार्टी का विलय कर लेंगे.
शिवसेना से कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही राणे के संबंध शिवसेना से कुछ खास नहीं रहे है. कुछ दिन पहले ही शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने नारायण राणे को गठबंधन में शामिल होने की खबरों पर कहा था कि राणे का गठबंधन में शामिल होना बिल्कुल ऐसे है, 'जैसे मीठे दूध में नमक को घोलने जैसे'.
वहीं, नारायण राणे के गठबंधन में शामिल होने से पहले गिरीश महाजन का एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, नारायण राणे के गठबंधन में शामिल होने से हमारी शक्ति में इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि राणे सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उनका अनुभव हमारे लिए बहुत काम आएगा.
बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल के सरकारी बंगले में हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में गिरीश महाजन से जब पूछा गया कि क्या शिवसेना इसके लिए राजी होगी? तो महाजन का कहना है कि ये फैसला मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेताओं का होगा. लेकिन वह चाहते हैं कि नारायण राणे गठबंधन का हिस्सा बनें.
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