By DAYANAND MOHITE | published: मई 28, 2019 01:54 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : amarpur
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना आत्मघाती कदम होगा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफा देना न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि उन दलों के लिए भी आत्मघाती होगा जो संघ परिवार के खिलाफ लड़ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. उन्होंने सीडब्ल्यू की मीटिंग में इस्तीफे की पेशकश की थी और गांधी-नेहरू परिवार से अलग किसी व्यक्ति को अध्यक्ष पद के लिए चुनने के लिए कहा था. राहुल गांधी के इस फैसले पर लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश आत्मघाती है. विपक्ष का एकमात्र लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाना था, लेकिन हम इसे राष्ट्रीय धारणा बनाने में असफल रहे. एक चुनाव के परिणाम से देश की वास्तविक्ता नहीं बदल सकती है.' उन्होंने कहा है, ’राहुल गांधी का ऐसा कदम भाजपा के जाल में फंसने जैसा होगा. उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार से परे हटकर जैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कोई काबिज होगा, वैसे ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ब्रिगेड के लोग उसे कठपुतली करार देना शुरू कर देंगे और ये लोग अगले आम चुनाव तक उस पर खेलेंगे. राहुल को अपने राजनीतिक विरोधियों को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए?
विपक्ष को इस बात पर विचार करना होगा की आखिर चूक कहां हो गई?: लालू यादव
लालू यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के खिलाफ विपक्ष चुनाव हार गया है. सांप्रदायिक और फांसीवादी ताकतों को हटाने में लगे सभी विपक्षी दलों को अपनी संयुक्त हार स्वीकार करनी होगी. उन्हें इस बात पर विचार करना होगा की आखिर चूक कहां हो गई? उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुई थीं, लेकिन वो इस पर पूरे देश का नैरेटिव नहीं सेट कर पाईं. विपक्षी दलों ने यह लड़ाई विधानसभा चुनाव की तरह लडी. वो खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में नहीं पेश कर पाईं.बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से राजद प्रमुख लालू यादव परेशान हैं और वह खाना भी छोड़ चुके थे. हालांकि डाक्टरों के सलाह पर उन्होंने खाना लेना शुरू कर दिया है. लेकिन पांच दिन बाद तक उनसे पार्टी के किसी सीनियर नेता या फिर उनके घरवालों ने भी मुलाकात नहीं की है. रांची के रिम्स में भर्ती लालू यादव की खराब तबियत के बारे में सभी को जानकारी है. लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से अब तक उनसे मुलाकात करने कोई भी नहीं पहुंचा है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस हार से लालू हताश और चिंतित हैं, क्योंकि पार्टी की स्थापना के बाद से ये पहला मौका है, जब राजद का लोकसभा चुनाव में खाता तक न खुला हो. हार के कारण ही उनकी तबियत भी अचानक बिगड़ गई.
लालू की पार्टी बिहार में महागठबंधन को लीड कर रही थी
लालू की पार्टी बिहार में महागठबंधन को लीड कर रही थी और यही कारण है कि उसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बाकी के बीस सीटों में उसके चार सहयोगी कांग्रेस, हम, रालोसपा और वीआईपी दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. पार्टी को अपने इस बुरे प्रदर्शन का अंदाजा नहीं था, यही कारण था कि छठे फेज के बाद भी तेजस्वी ने
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