By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 29, 2019 12:16 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : मुंबई
उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (28 नवंबर) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की सपथ ली. उद्धव के सीएम की कुर्सी संभालते ही शिवसेना मुखपत्र सामना के तेवर ही बदल गए. बगावती तेवर रखने वाली सामना ने शुक्रवार को अपने संपादकीय में पीएम नरेंद्र मोदी को ठाकरे का बड़ा भाई बताया है.
सामना ने लिखा, ''महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा-शिवसेना में अन-बन है लेकिन नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे का रिश्ता भाई-भाई का है. इसलिए महाराष्ट्र के छोटे भाई को प्रधानमंत्री के रूप में साथ देने की जिम्मेदारी श्री मोदी की है. प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते. इसे स्वीकार करें तो जो हमारे विचारों के नहीं हैं, उनके लिए सरकार अपने मन में राग-लोभ क्यों रखे? संघर्ष और लड़ाई हमारे जीवन का हिस्सा हैं...
दिल्ली देश की राजधानी भले ही है लेकिन महाराष्ट्र दिल्लीश्वरों का गुलाम नहीं और यह तेवर दिखानेवाले बालासाहेब ठाकरे के सुपुत्र आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं. इसलिए महाराष्ट्र का तेवर और सरकार का सीना तना रहेगा, ऐसा विश्वास करने में कोई दिक्कत नहीं है. छत्रपति शिवराय ने महाराष्ट्र को जो कुछ दिया, उसमें स्वाभिमान महत्वपूर्ण है. महाराष्ट्र दिल्ली को सबसे ज्यादा पैसा देता है. देश की अर्थव्यवस्था मुंबई के भरोसे चल रही है. देश को सबसे ज्यादा रोजगार मुंबई जैसा शहर देता है. देश की सीमा पर महाराष्ट्र के जवान शहीद हो रहे हैं. देश की सीमा की रक्षा तो महाराष्ट्र की परंपरा रही है. इसलिए अब महाराष्ट्र से अन्याय नहीं होगा और उसका सम्मान किया जाएगा, इसका ध्यान नए मुख्यमंत्री को रखना होगा...
दिल्ली के दरबार में महाराष्ट्र चौथी-पांचवीं कतार में नहीं खड़ा रहेगा बल्कि आगे रहकर ही काम करेगा, परंपरा यही रही है. इसी परंपरा का भगवा ध्वज महाराष्ट्र के विधानसभा और मंत्रालय पर लहराया है. भगवा ध्वज से दुश्मनी मोल मत लो. दुश्मनी करोगे तो खुद का ही नुकसान करोगे. महाराष्ट्र में सुराज्य का उत्सव शुरू हो गया है. देखते क्या हो? शामिल हो!''
उद्धव सरकार में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्र....
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