By DAYANAND MOHITE | published: मई 23, 2019 07:53 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30
शहर : राष्ट्रीय
अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. हालांकि अमेठी के परिणाम की अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 44 हजार से ज्यादा की बढ़त बनाए हुए हैं. स्मृति ईरानी ने शायराना अंदाज में राहुल को जवाब दिया. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, "कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता..." इससे पहले, राहुल गांधी ने कहा था, "स्मृति ईरानी को बधाई देता हूं. वहां की जनता ने अपना फैसला दिया है. उम्मीद करता हूं कि वह अमेठी की प्यार से देखभाल करेंगी." उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है. हम साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे." कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस चुनाव को लेकर कार्यसमिति की बैठक में मंथन किया जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है और कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी की विचाराधारा जीतेगी.गांधी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने चुनाव प्रचार में कहा था कि जनता मालिक है. जनता ने अपना फैसला दिया है. जनता ने आदेश दिया है. मैं उसे स्वीकार करता हूं. मैं सबसे पहले मोदी जी और भाजपा को जीत की बधाई देता हूं. मैं अपने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों का भी धन्यवाद करता हूं." उन्होंने कहा, "दो अलग-अलग सोच है. विचारधारा की लड़ाई है. हमें मानना पड़ेगा कि मोदी जी जीते हैं. इसलिए मैं उन्हें बधाई देता हूं."
2004 से अमेठी से सांसद थे राहुल गांधी
राहुल गांधी पहली बार 2004 में अमेठी लोकसभा सीट से सांसद बने. 2009, 2014 में उन्होंने जीत हासिल की. हालांकि 2014 के चुनाव में उनकी जीत का मार्जिन घटकर एक लाख रह गया था. उधर, स्मृति ईरानी 2014 में चुनाव हारने के बावजूद लगातार अमेठी का दौरा करती रहीं. उन्होंने अमेठी की जनता से संपर्क बनाए रखा. ईरानी ने 2019 के चुनाव की शुरुआत में ही विश्वास जताया था कि वह इस बार राहुल गांधी को हरा देंगी. अमेठी को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. कांग्रेस ने 16 बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. वर्ष 1977 में जनसंघ के टिकट पर रवींद्र प्रताप सिंह और 1998 में भाजपा के टिकट पर डॉ. संजय सिंह को जीत मिली थी.
श्रीनगर लोकसभा सीट से आगे चल रहे नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ल....
और पढो