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राज्यपाल किसी को भी CM के पद की शपथ नहीं दिला सकता है: जस्टिस रमन्ना

By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 24, 2019 12:36 PM 2019-02-12T14:15:30+5:30

राज्यपाल किसी को भी CM के पद की शपथ नहीं दिला सकता है: जस्टिस रमन्ना

शहर : राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में  देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में हुई सुनवाई के लिए याचिकाकार्ता की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए हैं. वहीं एडि. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता दूसरे पक्ष की तरफ से कोर्ट में पहुंचे. इनके अलावा कांग्रेस नेता पृथ्वराज चव्हाण और रणदीप सुरजेवाल मौजूद है.

जस्टिस रमना - मिस्टर रोहतगी, सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मुद्दे को सेटल कर चुका है. राज्यपाल किसी को भी मुख्यमंत्री के पद का शपथ नहीं दिला सकता है.

बीजेपी विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी, सवाल ये है कि क्या सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कह सकता है. रोहतगी इसी पर दलील दे रहे हैं. लेकिन इसके पहले कोर्ट ने कई मौकों पर ऐसा कर चुका है.

 

अजीत पवार द्वारा हस्ताक्षरित कोई भी पत्र अमान्य और भ्रामक है: सिंघवी

 

एसआर बोम्मई केस का हवाला देकर सिंघवी ने कहा फ्लोर टेस्ट सबसे अच्छा निर्णय है.

सिंघवी ने कर्नाटक के केस का हवाला दिया कि फ़्लोर टेस्ट सबसे बेहतर तरीक़ा है झारखंड उत्तराखंड कर्नाटक और गोवा का उदाहरण देते हुए सिंघवी ने कहा फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट होना चाहिए.

 

सिंघवी 1998 में यूपी के मामले में, 2018 में कर्नाटक मामले का उदाहरण दे रहे हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था.

 

 सिंघवी 1998 में यूपी के मामले में, 2018 में कर्नाटक मामले का उदाहरण दे रहे हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था.

शिवसेना के सिब्बल ने कहा -हम लोग आज ही बहुमत साबित कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लेकिन मुद्दा ये है कि बहुमत 'उन्हें' साबित करना है.

 

 BJP विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कोई राजनीतिक पार्टी आर्टिकल 32 के तहत पेटिशन कैसे दायर कर सकती है.

 

 कपिल सिब्बल ने कहा कि आज ही बहुमत परीक्षण की अनुमति दी जाए.

एनसीपी की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'हमने तय किया है कि अजित पवार पार्टी विधायक दल के नेता नहीं है. वह कैसे डिप्टी सीएम पद पर बने रह सकते हैं. जब उनके पास अपनी ही पार्टी में समर्थन हासिल नहीं है. जब एनसीपी के 41 विधायकों ने कह दिया है कि हम एनसीपी के साथ है और हम अजित पवार को आगे से एनसीपी का नेता नहीं मानते हैं.'

 

मैं सॉलिसिटर जनरल के रूप में पेश हुआ हूं. मुझे नहीं पता कि किसके लिए पेश होना है: तुषार मेहता

 

मैं बीजेपी विधायकों के लिए पेश हो रहा हूं: वकील मुकुल रोहतगी

क्योंकि महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया, इसलिए हम चुनाव के बाद के गठबंधन की संभावना देखने लगे: सिब्बल

 इस केस में प्री पोल अलायन्स फेल हो गया इसलिए पोस्ट पोल अलायन्स की जरूरत पड़ी: सिब्बल

 5.47 में राष्ट्रपति शासन हटा किया गया, कोई कैबिनेट की मीटिंग नहीं हुई. दो लोगों को शपथ दिला दिया गया: सिब्बल 

शपथ क्या आधार था, किसी को कुछ नही पता. राज्यपाल दिशानिर्देश पर काम कर रहे थे: सिब्बल

 

 राज्यपाल की कार्यप्रणाली, राष्ट्रपति शासन का हटाया जाना -पक्षपात भरा रवैया था: सिब्बल

 

अगर उन्हें लगता है कि उनके पास बहुमत है तो आज ही साबित करने को कहा जाना चाहिए : सिब्बल

कोर्ट ने पूछा कि - बीजेपी के तरफ से कब बताया गया कि उनके पास पर्याप्त समर्थन है.

 

 किसी को कुछ नहीं पता, नहीं बताया गया. राज्यपाल ने कब निमंत्रित किया यह भी नहीं पता: सिब्बल

 

 उद्धव ठाकरे शिवेसना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे, हमारे बीच कॉमन मिनिमम प्रोगाम बनाया गया है: कपिल सिब्बल

सिब्बल के माफी मांगने पर जस्टिस रमन्ना ने कहा, 'कोई बात नहीं, ये हमारी ड्यूटी है.'

 

शिवेसना, एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने छुट्टी के दिन कोर्ट को परेशान करने के लिए माफी मांगी

बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ चुकी पार्टी ने इस मामले में शीर्ष अदालत से बीती रात याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि खरीद-फरोख्त रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह 24 घंटों के भीतर बहुमत साबित करे. याचिका स्वीकार कर ली गई है और सुनवाई के लिए रविवार को सुबह 11.30 बजे का समय तय किया था.

एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने अपनी याचिका में फडणवीस और अजित पवार की शपथ को अवैध ठहराने की मांग की है. इसके अलावा तीनों दलों के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिए जाने की कोर्ट से मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों को बताया, "तीनों राजनीतिक दलों एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने शनिवार शाम याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से तत्काल बहुमत परीक्षण कराने की अपील की है ताकि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व वाली असंवैधानिक सरकार को एक्सपोज किया जा सके."

इससे पहले, कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के वकील देवदत्ता कामत ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से रविवार को ही फ्लोर टेस्ट कराने की अपील की है. कामत ने कहा, "हमने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि फडणवीस के पास बहुमत नहीं था, फिर भी राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. हमने 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की अपील की है जैसा कि कर्नाटक के मामले में किया था. हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारी अपील सुनेगा. हमारी याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है."

इससे पहले, महाराष्ट्र के बड़े घटनाक्रम की शुरुआत शुक्रवार शाम हुई जब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए अंतिम दौर में थे. तब तक बीजेपी और अजित पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिलने का फैसला कर लिया था. इसके बाद कल रात करीब सवा नौ बजे देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. फडणवीस ने अपने दावे में कहा उनके पास 173 विधायकों का समर्थन है. इनमें एनसीपी के 54 और 14 निर्दलीय विधायक शामिल थे. रात 11 बजकर 45 मिनट पर एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार 54 विधायकों का समर्थन पत्र लेकर राज्यपाल से मिलने पहुंचे.

इसके ठीक 15 मिनटों के बाद यानी राज 12 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला लिया. राज्यपाल ने देवेंद्र फड़नवीस के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या होने की जानकारी केंद्र सरकार को भेजी और राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कर दी. इसके बाद सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया. सुबह 6 बजे राज्य़पाल ने फैसला किया कि वो आज ही देवेंद्र फड़नवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे.

सुबह साढ़े 6 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को शपथ लेने का निवेदन भेजा. पौने सात बजे फडणवीस ने इस बात की जानकारी राज्यपाल को दी कि वो मुख्यमंत्री और अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद सुबह 8 बजकर 7 मिनट पर राज्यपाल ने फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाई और 30 दिन बाद आखिरकार महाराष्ट्र को नई सरकार मिल गई. लेकिन महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे की सुखद समापन नहीं हुआ है क्योकि फ्लोर टेस्ट होना बाकी है. सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय लेता है, यह भी देखना होगा. 

 

 

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