ताज़ा खबर कोरोना खतरे के बीच मलेशिया एयरपोर्ट पर फंसे 280 भारतीय, लगा रहे मदद की गुहार.    |     भारत में कोई आर्थिक मंदी नहीं है- निर्मला सीतारमण.    |     राशिफल 11 सितंबर 2019.    |     राशिफल 27 अगस्त 2019.    |     अगर आप दिन में एक बार आहार ले रहे हैं …….    |    

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बचे हैं ये विकल्प

By DAYANAND MOHITE | published: नवंबर 12, 2019 06:59 AM 2019-02-12T14:15:30+5:30

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बचे हैं ये विकल्प

शहर : मुंबई

अब आपको महाराष्ट्र में सरकार बनाने का नंबर गेम भी समझना चाहिए. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. और वहां सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 145 सीटें चाहिए. 24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव परिणाम में...बीजेपी को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिलीं जो बहुमत से 40 सीटें कम हैं. शिवसेना को 56 सीटें...NCP को 54 सीटें और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं .चुनाव परिणाम के बाद महाराष्ट्र की जनता को ये पूरा भरोसा था कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी और शिवसेना...सरकार भी मिलकर बनाएगी .

राज्य में सरकार बनाने का ये पहला और सबसे मजबूत विकल्प था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर अपने अपने दावे की वजह से दोनों दलों में मतभेद इतने बढ़ गए कि दोनों दलों का गठबंधन टूट गया.सरकार बनाने का दूसरा विकल्प है..शिवसेना, NCP और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएं. पिछले 48 घंटों से इसकी ज्यादा संभावना लग रही है.लेकिन NCP और कांग्रेस के स्पष्ट रुख ना होने की वजह से इस विकल्प पर भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि शिवसेना और NCP...बिना कांग्रेस की मदद से सरकार नहीं बना सकती हैं. क्योंकि शिवसेना की 56 सीटें और NCP की 54 सीटें मिलाकर कुल 110 सीटें होती हैं जो बहुमत से 35 सीटें कम हैं. और 44 सीटों वाली कांग्रेस...इस कमी को पूरा कर सकती है.

और तीसरा विकल्प है - महाराष्ट्र में बीजेपी और NCP मिलकर सरकार बनाए...दोनों पार्टियां अगर एकसाथ आती हैं तो कुल सीटों की संख्या 161 हो जाएंगी और इस तरह आसानी से दोनों दल मिलकर सरकार बना सकते हैं. लेकिन इस गठबंधन की संभावना भी बहुत कम है . महाराष्ट्र में गठबंधन की राजनीति के बीच अब आपको देश और राज्यों में गठबंधन सरकारों के इतिहास के बारे में भी बताना जरूरी है .

भारत में गठबंधन की सरकार बनाने की शुरुआत वर्ष 1967 में हुई. 15 मार्च 1967 को पश्चिम बंगाल में संयुक्त मोर्चे की सरकार बनी. वहीं केंद्र में गठबंधन की पहली सरकार का गठन वर्ष 1977 में हुआ. उस समय 13 पार्टियों वाली गठबंधन सरकार में मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने. देश में ये पहली गैर कांग्रेसी सरकार भी थी. वर्ष 1977 के बाद बनी 14 से ज्यादा राज्य सरकारों में से करीब 30 प्रतिशत...गठबंधन की सरकार थी. जिसका औसत कार्यकाल 26 महीने से भी कम रहा . यानी 5 वर्षों के लिए बनी ये सरकारें अपना आधा कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सकीं. वर्ष 1989 के बाद से वर्ष 2009 तक यानी उन 20 वर्षों में केंद्र में 11 गठबंधन सरकारें बन चुकी हैं.

महाराष्ट्र...वर्ष 1960 में अपने गठन के बाद से ही राजनीतिक तौर पर बहुत स्थिर नहीं रहा है. इन 59 वर्षों में महाराष्ट्र में 17 मुख्यमंत्री रहे लेकिन इनमें से सिर्फ दो मुख्यमंत्री 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे

अगर कांग्रेस...शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो इसका मतलब ये होगा कि महाराष्ट्र में सत्ता...सिद्धांतों से बड़ी हो गई. ऐसा इसलिए कहा जाएगा क्योंकि...कांग्रेस और शिवसेना दो विपरीत विचारधारा की पार्टी मानी जाती है .

कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का दावा करती है. जबकि शिवसेना का राजनीतिक एजेंडा...मराठा, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर आधारित है . कांग्रेस लगातार बीजेपी और शिवसेना को सांप्रदायिक पार्टी बताते हुए उसकी नीतियों का विरोध करती रही हैं और जनता से वोट मांगती रही हैं . इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और शिवसेना एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और कांग्रेस और एनसीपी एकसाथ थी .

अब अगर कांग्रेस शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार है तो इसे आप अनैतिक और अवसरवादी राजनीति के तौर पर देखा जाएगा. शिवसेना का गठन बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में किया था. शिवसेना का जन्म मराठी अस्मिता के नाम पर हुआ था. बाद में मराठी अस्मिता के साथ राम मंदिर और हिंदुत्व के एजेंडे भी शिवसेना के राजनीतिक सिद्धांतों में शामिल हो गए.

पिछला

BMC में शिवसेना को दिया अपना समर्थन वापस ले सकती है BJP
BMC में शिवसेना को दिया अपना समर्थन वापस ले सकती है BJP

महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के बीच सरकार गठन को लेकर बात बनती दिख रही ह....

और पढो

आगामी  

राज्यपाल किसी को भी CM के पद की शपथ नहीं दिला सकता है: जस्टिस रमन्ना
राज्यपाल किसी को भी CM के पद की शपथ नहीं दिला सकता है: जस्टिस रमन्ना

महाराष्ट्र में  देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रे....

और पढो